आज के लिए एक शे'र आपकी खिदमत में पेश कर रहा हूँ.. :
"तेरी आँख का इक अश्क ही , काफी है मेरे लिए... ,
मैंने डूबने के लिए , सागर-ओ- मीना नही चाहा... !!!"
दोस्तों....!
मुझे आज कल समय कम मिलता है इसलिए ब्लॉग पे कम लिखा जा रहा है...
एक तो मेरी शिफ्ट की ड्यूटी ऊपर से आज-कल बच्चों के एक्साम चल रहे हैं...
इन सबसे फुर्सत मिलते ही अपनी जिंदगी के कुछ अन्य पहलुओं एवं अपनी कुछ और रचनाये आपके साथ साँझा करूँगा...!!!
----- राकेश वर्मा