हथ 'च तेरे कुझ नही औना,
ऐवें हथ' लाबेड़ी ना ,
महंगी हो गयी चीनी सज्जना,
देखी जा पर छेड़ी ना ...
दाल ते सब्जी हो गयी महंगी,
व्रत रखना वी महंगा है ,
दुकाना 'ते हर चीज़ बथेरी ,
देखी जा पर छेड़ी ना....
सेब हो गये पहुँच तों बाहर ,
केले वी तां महंगे ने,
मण्डी 'च लग्गी फलां दी रेहड़ी,
देखी जा पर छेड़ी ना...
घरवाली नू साइकिल ते बिठा के,
सारा श हर घुमा दित्ता ,
आखिर विच मैं गल नबेडी,
देखी जा पर छेड़ी ना...
5 comments:
बहुत अच्छा है।
वाह वाह बहुत खूब वयंग बहुत अच्छा है मगर हिन्दी के पाठकों के लिये हर पहरे के नीचे हिन्दी अनुवाद भी देते तो सब को सहुलीयत रहती। सही तस्वीर है आज की मंहगाई पर धन्यवाद्
लओ जी बिलकुल नहीं छेड्दे .....!!
किताब ते प्रकाशक कोलों ही मिल सकदी है ....मैं ते वंड दितियाँ सारियां .......
प्रकाशक दा no है .....09231845289
kamaal karan di aadat vich ...rab varkat pave ....rang ban dita verma ji
panjaabi jyada aati to nhin lekin pahli baar koi panjabi geet padha blog pe... badhai
Jai Hind...
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