इस दुनिया में दो लोग ही खुशकिस्मत होते हैं ....
एक तो वो ....
जिन्हें सच्चा प्यार मिलता है ....
और दुसरे वो ....
जिनका खरबूजा मीठा निकलता है....!!!!
हैप्पी खरबूजा सीजन ...!!!!!
मेरा भारत महान
मेरा भारत महान
मेरा महान देश भारत विश्व के अग्रणी देशों में से एक है । अनेकता में एकता की मिसाल मेरा देश कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक विभिन्न सन्सकृतिओं को अपने आप में समेटे हुए है । २९ प्रदेशो एवं ४ केंद्र शाशित क्षेत्रों से बना ये देश अखंड भारत के नाम से जाना जाता है । मेरे देश की भोगोलिक स्थिती कुछ ऐसी है कि हिमालय पर्वत मेरे देश के मस्तक के रूप में चमकता है और इस के चरणों में हिंद महासागर है ।
मेरे देश में सब धर्मों के लोग प्यार से रहते हैं । हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई अदि सभी धर्मों को मान ने वालों को यहाँ पूर्ण सम्मान मिलता है । यहाँ अतिथी को देवता एवं कन्या को देवी मानक र पूजा जाता है । अंग्रेजो ने हमारे देश पर ३०० साल तक राज किया पर महात्मा गांधी ने अहिंसा से एवं भगत सिंह सरीखे देश भक्तों ने क्रांति मार्ग अपना कर देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करवाया ।
आज हमारा देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर है । यहाँ सुई से लेकर हवाई जहाज़ तक का निर्माण होता है । कभी साँपों व् साधुओं के देश के रूप में जाना जाने वाला भारत आज विश्व के चोटी के देशों में शामिल है । मेरे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है । भारत में जन्मे सचिन तेंदुलकर , लता मंगेशकर आज सम्पूरण विश्व के लिए नजीर हैं । यहाँ के इंजीनियर , डाक्टर , सैनिक, व् खिलाड़ी देश की तरक्की में तो योगदान डालते ही हैं , विश्व स्तर पर भी देश का नाम ऊँचा करते हैं । मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि मेरा देश दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे ....!!!!
----- राकेश वर्मा
मेरा महान देश भारत विश्व के अग्रणी देशों में से एक है । अनेकता में एकता की मिसाल मेरा देश कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक विभिन्न सन्सकृतिओं को अपने आप में समेटे हुए है । २९ प्रदेशो एवं ४ केंद्र शाशित क्षेत्रों से बना ये देश अखंड भारत के नाम से जाना जाता है । मेरे देश की भोगोलिक स्थिती कुछ ऐसी है कि हिमालय पर्वत मेरे देश के मस्तक के रूप में चमकता है और इस के चरणों में हिंद महासागर है ।
मेरे देश में सब धर्मों के लोग प्यार से रहते हैं । हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई अदि सभी धर्मों को मान ने वालों को यहाँ पूर्ण सम्मान मिलता है । यहाँ अतिथी को देवता एवं कन्या को देवी मानक र पूजा जाता है । अंग्रेजो ने हमारे देश पर ३०० साल तक राज किया पर महात्मा गांधी ने अहिंसा से एवं भगत सिंह सरीखे देश भक्तों ने क्रांति मार्ग अपना कर देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करवाया ।
आज हमारा देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर है । यहाँ सुई से लेकर हवाई जहाज़ तक का निर्माण होता है । कभी साँपों व् साधुओं के देश के रूप में जाना जाने वाला भारत आज विश्व के चोटी के देशों में शामिल है । मेरे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है । भारत में जन्मे सचिन तेंदुलकर , लता मंगेशकर आज सम्पूरण विश्व के लिए नजीर हैं । यहाँ के इंजीनियर , डाक्टर , सैनिक, व् खिलाड़ी देश की तरक्की में तो योगदान डालते ही हैं , विश्व स्तर पर भी देश का नाम ऊँचा करते हैं । मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि मेरा देश दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे ....!!!!
----- राकेश वर्मा
शे'र
साहेबान ... ये दो शे'र मैंने कहीं पढ़े थे ...लेकिन इन के रचनाकार का नाम मुझे याद नही
आप से विनती है कि अगर आपको पता हो तो मुझे बताएं ...
हुस्न-ओ-ज़र-ओ-सियासत भी तो नशे हैं ,
फिर शराब के नशे में बुराई क्या है ?
वादानोशी से मुझे रोकने वालो,
आदमी फितरतन शराबी है ...!!!
इशरत-ऐ -क़तरा है दरिया में फना हो जाना,
दर्द का हद्द से गुजरना है दवा हो जाना ...!!!!
आपके सहयोग की प्रत्याशा में ,
--- राकेश वर्मा
आप से विनती है कि अगर आपको पता हो तो मुझे बताएं ...
हुस्न-ओ-ज़र-ओ-सियासत भी तो नशे हैं ,
फिर शराब के नशे में बुराई क्या है ?
वादानोशी से मुझे रोकने वालो,
आदमी फितरतन शराबी है ...!!!
इशरत-ऐ -क़तरा है दरिया में फना हो जाना,
दर्द का हद्द से गुजरना है दवा हो जाना ...!!!!
आपके सहयोग की प्रत्याशा में ,
--- राकेश वर्मा
चुटकुला
संता : मेरा घर इतना बड़ा है कि उसमे लोकल ट्रेन चलती है ....
बंता : ये तो कुछ भी नहीं ... मेरा घर इतना बड़ा है कि उस में अगर एक कोने से दुसरे कोने में चले जाओ तो मोबाइल पर रोमिंग पड़ जाती है ....!!!!
बंता : ये तो कुछ भी नहीं ... मेरा घर इतना बड़ा है कि उस में अगर एक कोने से दुसरे कोने में चले जाओ तो मोबाइल पर रोमिंग पड़ जाती है ....!!!!
सन्देश
विश्व परिवार दिवस के शुभ अवसर पर सभी ब्लॉगर साथिओं के एवं उनके परिवारों के लिए हार्दिक शुभ कामनाएं ...
भगवान् की कृपा आपके परिवार पर सदैव बनी रहे ....
----- राकेश वर्मा
भगवान् की कृपा आपके परिवार पर सदैव बनी रहे ....
----- राकेश वर्मा
कविता
बदलते मायने
नया दौर आ गया है , नवरंग छा गया है ,
जीवन की अदा बदली , आचरण बदल गया है ,
अवशेष सभ्यता के , अब धू -धू कर जल रहे हैं ,
हर शब्द के ही अब तो मायने बदल रहे हैं...!!!!
अम्मा बन गयी है मम्मी , बाबू जी डैड हो गये हैं ,
आंटी - अंकल के इस चलन में बुआ ताऊ खो गये हैं ,
अध्यापिकाए बनी मैडम , गुरु सर बन के चल रहे हैं ,
नित बदल रहे समाज में सम्बोधन बदल रहे हैं ....!!!!
दशरथ तो बनना चाहें, श्रवण बनना नही गवारा ,
अब जन्म देने वाले, हुए कई माँ-बाप बेसहारा ,
गोदी में जिनकी खेले, वो वृद्द-आश्रम में पल रहे हैं ,
पितृ भक्ति के भी आखिर, अब चलन बदल रहे है...!!!!
रहे दूर के ना दर्शन , नज़दीक सब हैं आये ,
प्रसारण भी उपग्रहों से, सीधा ही घर में धाये ,
सौ -सौ रूपये में दो सौ, चैनल जो चल रहे हैं ,
मनोरंजन व् ज्ञान के भी, अब साधन बदल रहे हैं...!!!!
'बुनियाद' - 'तमस' - 'शान्ति', 'हम लोग' खो चुके हैं ,
सर्वाधिकार-सुरक्षित, अब 'एकता' के हो चुके हैं ,
कुछ ले चुकी प्रेरणा , कुछ के अरमां मचल रहे हैं ,
'बालाजी' की कृपा से, अब रिश्ते बदल रहे हैं ...!!!!
कोई बाबा करे योगासन, कोई बापू दे रहा भाषण ,
कोई तंत्र सिखा रहा है, कोई 'जाम' पिला रहा है,
गुरु-जनों का झंडा-डंडा, भक्त ले के चल रहे हैं ,
धर्मगुरूओ की दीक्षा के, अब तरीके बदल रहे हैं...!!!!
हुई पंजाब की 'पंजाबी', और महाराष्ट्र की 'मराठी',
कहीं 'अवधी' कहीं 'कालिंदी', पकड़ खो रही है 'हिंदी' ,
अखंड राष्ट्र -भाषा के हिज्जे, अब खण्डों में ढल रहे हैं ,
राजभाषा अधिनियम के, अब मायने बदल रहे हैं...!!!!
नए शब्दों का करो सृजन परिभाषाएं नई बनाओ,
निज भाषा व् संस्कृति की अस्मिता को तो बचाओ ,
नवचेतना के दानव संस्कृति को निगल रहे हैं ,
शब्दकोशों में संस्कृति के अब मायने बदल रहे हैं ...!!!!
बदलाव ही है जीवन, तुम बदलो ज़रूर प्यारो ,
आधुनिकता की होड़ में पर, विरासत को न बिसारो,
राह जाएगी यह पतन को, हम जिसपे चल रहे हैं ,
हर शब्द के ही अब तो मायने बदल रहे हैं ...!!!!
हर शब्द के ही अब तो मायने बदल रहे हैं ...!!!!
---राकेश वर्मा
नया दौर आ गया है , नवरंग छा गया है ,
जीवन की अदा बदली , आचरण बदल गया है ,
अवशेष सभ्यता के , अब धू -धू कर जल रहे हैं ,
हर शब्द के ही अब तो मायने बदल रहे हैं...!!!!
अम्मा बन गयी है मम्मी , बाबू जी डैड हो गये हैं ,
आंटी - अंकल के इस चलन में बुआ ताऊ खो गये हैं ,
अध्यापिकाए बनी मैडम , गुरु सर बन के चल रहे हैं ,
नित बदल रहे समाज में सम्बोधन बदल रहे हैं ....!!!!
दशरथ तो बनना चाहें, श्रवण बनना नही गवारा ,
अब जन्म देने वाले, हुए कई माँ-बाप बेसहारा ,
गोदी में जिनकी खेले, वो वृद्द-आश्रम में पल रहे हैं ,
पितृ भक्ति के भी आखिर, अब चलन बदल रहे है...!!!!
रहे दूर के ना दर्शन , नज़दीक सब हैं आये ,
प्रसारण भी उपग्रहों से, सीधा ही घर में धाये ,
सौ -सौ रूपये में दो सौ, चैनल जो चल रहे हैं ,
मनोरंजन व् ज्ञान के भी, अब साधन बदल रहे हैं...!!!!
'बुनियाद' - 'तमस' - 'शान्ति', 'हम लोग' खो चुके हैं ,
सर्वाधिकार-सुरक्षित, अब 'एकता' के हो चुके हैं ,
कुछ ले चुकी प्रेरणा , कुछ के अरमां मचल रहे हैं ,
'बालाजी' की कृपा से, अब रिश्ते बदल रहे हैं ...!!!!
कोई बाबा करे योगासन, कोई बापू दे रहा भाषण ,
कोई तंत्र सिखा रहा है, कोई 'जाम' पिला रहा है,
गुरु-जनों का झंडा-डंडा, भक्त ले के चल रहे हैं ,
धर्मगुरूओ की दीक्षा के, अब तरीके बदल रहे हैं...!!!!
हुई पंजाब की 'पंजाबी', और महाराष्ट्र की 'मराठी',
कहीं 'अवधी' कहीं 'कालिंदी', पकड़ खो रही है 'हिंदी' ,
अखंड राष्ट्र -भाषा के हिज्जे, अब खण्डों में ढल रहे हैं ,
राजभाषा अधिनियम के, अब मायने बदल रहे हैं...!!!!
नए शब्दों का करो सृजन परिभाषाएं नई बनाओ,
निज भाषा व् संस्कृति की अस्मिता को तो बचाओ ,
नवचेतना के दानव संस्कृति को निगल रहे हैं ,
शब्दकोशों में संस्कृति के अब मायने बदल रहे हैं ...!!!!
बदलाव ही है जीवन, तुम बदलो ज़रूर प्यारो ,
आधुनिकता की होड़ में पर, विरासत को न बिसारो,
राह जाएगी यह पतन को, हम जिसपे चल रहे हैं ,
हर शब्द के ही अब तो मायने बदल रहे हैं ...!!!!
हर शब्द के ही अब तो मायने बदल रहे हैं ...!!!!
---राकेश वर्मा
शे'र
ये ज़िन्दगी भी कितने अजीब मोड़ लेती है ,
हर एक मोड़ पर इक नया सवाल देती है,
ढूंढते रहते हैं हम उन सवालों के जवाब ,
जवाब मिल जाए तो सवाल बदल देती है..!!!!
हर एक मोड़ पर इक नया सवाल देती है,
ढूंढते रहते हैं हम उन सवालों के जवाब ,
जवाब मिल जाए तो सवाल बदल देती है..!!!!
सन्देश
मजदूर दिवस के अवसर पर सारी दुनिया के मेहनतकश साथिओं को
!!!.......लाल सलाम........!!!
"मजदूर एकता ---- जिंदाबाद "
!!!.......लाल सलाम........!!!
"मजदूर एकता ---- जिंदाबाद "